“उत्तर प्रदेश सरकार ने मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क पॉलिसी 2024 लॉन्च की है, जिसका लक्ष्य यूपी को भारत का टॉप लॉजिस्टिक्स हब बनाना है। 1,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, यह नीति सप्लाई चेन को सुगम बनाएगी, व्यापार दक्षता बढ़ाएगी और लाखों नौकरियाँ पैदा करेगी। यह भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
उत्तर प्रदेश का लॉजिस्टिक्स क्रांति: भारत का नया व्यापारिक केंद्र
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क पॉलिसी 2024 को मंजूरी दी है, जिसके तहत राज्य को भारत का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक्स हब बनाने की योजना है। इस नीति के तहत कम से कम 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी, जिससे बड़े पैमाने पर परियोजनाएँ शुरू होंगी जो यूपी की आर्थिक वृद्धि को गति देंगी। यह नीति न केवल सप्लाई चेन को सुव्यवस्थित करेगी, बल्कि व्यापार दक्षता को बढ़ाने और वैश्विक कनेक्टिविटी को मजबूत करने में भी मदद करेगी।
इस पॉलिसी के तहत मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) में सड़क, रेल, हवाई और जलमार्गों का एकीकरण होगा। यह पार्क आधुनिक वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन सुविधाएँ, ट्रांसपोर्ट टर्मिनल और टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन जैसे ऑटोमेशन, IoT और AI से लैस होंगे। यूपी की रणनीतिक स्थिति, जो दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, गंगा नदी के माध्यम से पूर्वी जलमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ी है, इसे प्रमुख बाजारों तक पहुँच प्रदान करती है।
इस नीति का एक मुख्य उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) के साथ तालमेल बनाना है, जो लॉजिस्टिक्स लागत को मौजूदा 13-14% से घटाकर 8-10% करने का लक्ष्य रखती है। यह वैश्विक मानकों के अनुरूप है और भारतीय उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी। इसके अलावा, यह नीति यूपी को भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की दृष्टि में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाएगी।
पॉलिसी में निवेशकों के लिए कई प्रोत्साहन शामिल हैं, जैसे कि 30% अग्रिम भूमि सब्सिडी, वित्तीय सब्सिडी, टैक्स छूट और सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम। यह सिस्टम निवेशकों को सभी आवश्यक आवेदनों और दस्तावेजों को एक ही स्थान पर जमा करने की सुविधा देता है, जिससे नौकरशाही बाधाएँ कम होती हैं और अनुमोदन प्रक्रिया तेज होती है।
इस परियोजना से हजारों नौकरियाँ पैदा होंगी, खासकर निर्माण चरण और संचालन के दौरान। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन जैसे संबद्ध क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इसके अलावा, यह पार्क निर्यातकों और निर्माताओं के लिए लागत को कम करके और माल की तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करके व्यापार दक्षता को बढ़ाएगा।
यूपी की यह नीति वैश्विक मॉडलों, जैसे कि अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ, चीन, मैक्सिको और यूएई की लॉजिस्टिक्स नीतियों का अध्ययन करके तैयार की गई है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि यह नीति विश्वस्तरीय मानकों को पूरा करती है। कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ, विशेष रूप से अमेरिका और खाड़ी देशों से, यूपी में MMLP स्थापित करने में रुचि दिखा रही हैं, क्योंकि राज्य में एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डे, शहरी केंद्र और पर्यटन स्थल तेजी से बढ़ रहे हैं।
यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देगी। लॉजिस्टिक्स पार्क में सौर ऊर्जा, रेनवाटर हार्वेस्टिंग और वेस्ट रिसाइक्लिंग जैसी टिकाऊ पहलों को अपनाया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह भारत की पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ भी संरेखित है।
यूपी का यह कदम अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकता है। यह परियोजना न केवल यूपी को भारत का लॉजिस्टिक्स और व्यापार केंद्र बनाएगी, बल्कि भारत को वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Disclaimer: यह लेख हाल की खबरों, सरकारी नीतियों और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी को सटीक रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक सरकारी अधिसूचनाओं और अपडेट्स की जाँच करें।