“गोवा सरकार ने 2025 में आदिवासी समुदाय के सशक्तिकरण के लिए क्रांतिकारी योजनाएं शुरू की हैं। शिक्षा, रोजगार, और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित इस मास्टरप्लान में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटें, स्कॉलरशिप, और ग्रामीण विकास शामिल हैं। यह कदम सामाजिक समावेश और आर्थिक उत्थान की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।”
गोवा का 2025 मास्टरप्लान: आदिवासी समुदाय के लिए नई दिशा
गोवा सरकार ने 2025 में आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए एक व्यापक मास्टरप्लान लागू किया है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना है। इस मास्टरप्लान में कई क्रांतिकारी योजनाएं शामिल हैं, जो गोवा के आदिवासी समुदायों के लिए समावेशी विकास और समान अवसर सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।
1. विधानसभा में आदिवासी प्रतिनिधित्व को बढ़ावा
लोकसभा ने हाल ही में गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण को मंजूरी दी है। यह कदम 2024 में पारित विधेयक का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय को राजनीतिक भागीदारी में अधिक अवसर प्रदान करना है। कांग्रेस सांसद कैप्टन विरियाटो फर्नांडीस ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया, क्योंकि गोवा में वर्तमान में आदिवासी समुदाय के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है। यह बदलाव 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों में आदिवासियों की आवाज को मजबूत करेगा।
2. शिक्षा और स्कॉलरशिप योजनाएं
गोवा सरकार ने आदिवासी छात्रों के लिए कई स्कॉलरशिप योजनाएं शुरू की हैं। इनमें मैट्रिक पश्चात् छात्रवृत्ति योजना शामिल है, जो अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, जनजातीय मामले मंत्रालय की एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना गोवा के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी छात्रों को मध्यम और उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रही है। इस योजना का उद्देश्य साक्षरता दर को बढ़ाना और स्कूल छोड़ने की दर को कम करना है।,
3. ग्रामीण विकास और बुनodan: बुनियादी ढांचे का विकास
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत गोवा में आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 8,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा है, ताकि विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के क्षेत्रों को बेहतर संपर्क सुविधा मिले। इस योजना के तहत सौ व्यक्तियों की आबादी वाले क्षेत्रों को भी सड़क संपर्क प्रदान किया जाएगा।,
4. रोजगार और स्वरोजगार के अवसर
गोवा सरकार ने आदिवासी समुदायों के लिए स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत आदिवासी महिलाओं और युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण और माइक्रो-फाइनेंस योजनाएं शुरू की गई हैं। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) के तहत आदिवासी समुदायों को छोटे उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
5. सामाजिक समावेश और सांस्कृतिक संरक्षण
आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए गोवा सरकार ने जनजातीय डिजाइन फोरम जैसी पहल को समर्थन दिया है, जो आदिवासी कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में आदिवासी समुदायों की विरासत को प्रदर्शित किया जाता है।
6. चुनौतियां और भविष्य की दिशा
हालांकि यह मास्टरप्लान महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में चुनौतियां भी हैं। आदिवासी क्षेत्रों में भूमि अधिकारों और संसाधनों तक पहुंच जैसे मुद्दों पर अभी भी ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर इन मुद्दों को हल करने की योजना बनाई है।
Disclaimer: यह लेख सरकारी वेबसाइटों, समाचार रिपोर्टों और हाल के नीतिगत घोषणाओं पर आधारित है। जानकारी को सत्यापित करने के लिए आधिकारिक स्रोतों का उपयोग किया गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे योजनाओं का लाभ उठाने से पहले संबंधित विभागों से संपर्क करें।