“उत्तर प्रदेश सरकार 2025 में युवाओं के लिए मुफ्त कोडिंग कैंप शुरू कर रही है। ये कैंप डिजिटल स्किल्स, जॉब प्लेसमेंट और स्टार्टअप सपोर्ट प्रदान करेंगे। 10 शहरों में 50,000 युवाओं को प्रशिक्षण, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देगा। AI, वेब डेवलपमेंट और साइबर सिक्योरिटी जैसे कोर्सेज शामिल होंगे।”
उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए मुफ्त टेक प्रशिक्षण की शुरुआत
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में युवाओं को डिजिटल युग में सशक्त बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। ‘यूपी डिजिटल स्किल्स मिशन’ के तहत, राज्य के 10 प्रमुख शहरों—लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और झांसी—में मुफ्त कोडिंग कैंप आयोजित किए जाएंगे। इन कैंप्स का उद्देश्य 50,000 युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें ग्रामीण और कम संसाधन वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ये कैंप 16 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, वेब डेवलपमेंट, ऐप डेवलपमेंट, और साइबर सिक्योरिटी जैसे आधुनिक कोर्सेज शामिल होंगे। प्रत्येक कैंप 12 सप्ताह तक चलेगा, जिसमें प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स द्वारा लाइव मेंटरिंग होगी। सरकार ने इन कैंप्स के लिए IIT कानपुर, IIIT लखनऊ और NASSCOM जैसे संस्थानों के साथ साझेदारी की है ताकि कोर्सेज इंडस्ट्री की मांगों के अनुरूप हों।
लखनऊ में शुरू होने वाले पहले कैंप में 5,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेक वैन के माध्यम से प्रशिक्षण पहुंचाया जाएगा, जिसमें लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होगी। सरकार ने दावा किया है कि ये कैंप 2025 तक 70% प्रतिभागियों को जॉब प्लेसमेंट या स्टार्टअप सपोर्ट प्रदान करेंगे। इसके लिए Microsoft, Google और Infosys जैसी कंपनियों के साथ टाई-अप किया गया है।
महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष कोटा निर्धारित किया गया है। प्रत्येक कैंप में 40% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। साथ ही, प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट और डिजिटल पोर्टफोलियो प्रदान किया जाएगा, जो जॉब मार्केट में उनकी विश्वसनीयता बढ़ाएगा। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 2026 तक इन कैंप्स को सभी 75 जिलों में विस्तारित किया जाएगा।
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन कैंप्स की सफलता प्रशिक्षकों की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे पर निर्भर करेगी। कुछ Reddit यूजर्स ने हाल के अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि कई निजी कोडिंग बूटकैंप्स ने ऊंचे वादे किए, लेकिन कम सैलरी वाली नौकरियां या स्टार्टअप्स में प्लेसमेंट दिया। सरकार ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए कड़े मॉनिटरिंग सिस्टम और फीडबैक मैकेनिज्म की घोषणा की है।
यूपी के इस प्रयास को डिजिटल इंडिया मिशन से जोड़ा जा रहा है, जिसका लक्ष्य भारत को 2030 तक टेक हब बनाना है। कोडिंग कैंप्स न केवल तकनीकी शिक्षा को सुलभ बनाएंगे, बल्कि युवाओं को ग्लोबल टेक मार्केट में प्रतिस्पर्धी बनाने में भी मदद करेंगे।
Disclaimer: यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार की घोषणाओं, इंडस्ट्री पार्टनरशिप्स और उपलब्ध वेब जानकारी पर आधारित है। डेटा और तथ्य संबंधित स्रोतों से लिए गए हैं।