“उत्तर प्रदेश में युवा ग्रेजुएट्स के लिए जॉब फेयर नौकरी के नए द्वार खोल रहे हैं। 2025 में आयोजित ये मेले स्टार्टअप्स, आईटी, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अवसर प्रदान कर रहे हैं। यूपी सरकार और निजी कंपनियां मिलकर स्किल डेवलपमेंट और तत्काल जॉब प्लेसमेंट पर जोर दे रही हैं, जिससे बेरोजगारी की चुनौती से निपटा जा सके।”
उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए जॉब फेयर: नौकरी की नई राहें
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की चुनौती से निपटने के लिए जॉब फेयर 2025 में युवा ग्रेजुएट्स के लिए अवसरों का खजाना बन रहे हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 20-24 वर्ष की आयु के युवाओं में बेरोजगारी दर 44.49% तक पहुंच चुकी है, खासकर आईटी सेक्टर में नौकरियों की कमी के कारण। यूपी सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और विभिन्न जिलों में जॉब फेयर आयोजित कर रही है।
13 और 14 अगस्त 2025 को प्रतापगढ़ में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) द्वारा आयोजित जॉब फेयर में 250 ड्राइवरों की भर्ती के लिए मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला राजापुर वर्कशॉप में होगा, जहां उम्मीदवार सीधे इंटरव्यू के लिए उपस्थित हो सकते हैं। इसके अलावा, लखनऊ में नवंबर 2022 में आयोजित एक विशेष जॉब फेयर में 50 से अधिक कंपनियों ने 5000 नौकरियां प्रदान की थीं, जहां इंटरव्यू के बाद उसी दिन नियुक्ति पत्र दिए गए थे।
यूपी सरकार का फोकस केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं है। निजी क्षेत्र, खासकर स्टार्टअप्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, में भी अवसर बढ़ रहे हैं। फाउंडिट के सीईओ चंद्र गरिसा के अनुसार, स्टार्टअप्स में 50% से अधिक नौकरियां नए ग्रेजुएट्स के लिए हैं, विशेष रूप से आईटी सर्विसेज में। 2024 में स्टार्टअप्स से नौकरियों में 14% की वृद्धि दर्ज की गई, जो युवाओं के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, गरिसा ने चेतावनी दी कि बेरोजगारी को कम करने के लिए और अधिक नौकरियां सृजित करने की जरूरत है।
जॉब फेयर न केवल नौकरी के अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि स्किल डेवलपमेंट और नेटवर्किंग का भी मौका देते हैं। उदाहरण के लिए, Tech Jobs Fair India 2025 जैसे आयोजन ग्रेजुएट्स को शीर्ष कंपनियों के साथ आमने-सामने बातचीत का अवसर देते हैं। ये मेले नौकरी चाहने वालों को इंडस्ट्री लीडर्स से मिलने, करियर पथों को समझने, और तुरंत इंटरव्यू के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अलावा, नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल के माध्यम से युवा आगामी जॉब फेयर के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और साइकोमेट्रिक टेस्ट के जरिए अपने करियर पथ का चयन कर सकते हैं।
हालांकि, चुनौतियां भी हैं। कई ग्रेजुएट्स, जैसे 25 वर्षीय आकाश भारद्वाज, निजी क्षेत्र में कम वेतन और नौकरी की असुरक्षा के कारण सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। दूसरी ओर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में AI और डेटा एनालिटिक्स जैसी स्किल्स की मांग बढ़ रही है, लेकिन युवाओं में इन स्किल्स की कमी एक बड़ा मुद्दा है। फाउंडिट के डेटा के अनुसार, 2023 में मैन्युफैक्चरिंग में AI स्किल्स की मांग 21% बढ़ी, जबकि आईटी में नौकरियां 18% घटीं।
यूपी में जॉब फेयर का आयोजन न केवल रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि ग्रेजुएट्स को नई स्किल्स सीखने और इंडस्ट्री की मांगों के अनुरूप तैयार होने का मौका भी दे रहा है। लखनऊ, कानपुर, और अन्य शहरों में नियमित रूप से आयोजित होने वाले ये मेले युवाओं को उनके सपनों की नौकरी के करीब ला रहे हैं।
Disclaimer: यह लेख ताजा जानकारी और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। डेटा और तथ्य विभिन्न वेब और सोशल मीडिया स्रोतों से लिए गए हैं, जो परिवर्तन के अधीन हो सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि नौकरी से संबंधित निर्णय लेने से पहले आधिकारिक सूत्रों से जानकारी सत्यापित करें।