“उत्तर प्रदेश सरकार ने युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए नई मेंटरशिप योजनाएं शुरू की हैं। ये कार्यक्रम 15-30 वर्ष के युवाओं को नेतृत्व, उद्यमिता और सामाजिक बदलाव के लिए तैयार करेंगे। विशेषज्ञों की मेंटरशिप, कार्यशालाओं और नेटवर्किंग के जरिए युवा भारत के भविष्य को आकार देंगे। यूपी के छोटे शहरों और गांवों पर विशेष ध्यान।”
उत्तर प्रदेश में युवा नेतृत्व को नई दिशा: मेंटरशिप योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने के लिए कई नई मेंटरशिप योजनाओं की घोषणा की है, जो 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को लक्षित करती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य युवाओं को नेतृत्व कौशल, उद्यमिता और सामाजिक बदलाव के लिए सशक्त बनाना है। यह कदम भारत की युवा आबादी, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 66% है, को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
योजनाओं का स्वरूप और लक्ष्य
ये मेंटरशिप कार्यक्रम विशेष रूप से यूपी के ग्रामीण और छोटे शहरों के युवाओं पर केंद्रित हैं। सरकार ने उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साझेदारी की है ताकि युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। कार्यक्रम में शामिल हैं:
नेतृत्व प्रशिक्षण: संचार, निर्णय लेने और रणनीतिक सोच जैसे कौशलों पर कार्यशालाएं।
उद्यमिता विकास: स्टार्टअप शुरू करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मेंटरशिप।
सामाजिक प्रभाव: सामुदायिक परियोजनाओं के माध्यम से सामाजिक बदलाव को प्रोत्साहित करना।
नेटवर्किंग अवसर: युवाओं को उद्योग जगत के दिग्गजों से जोड़ना।
इन योजनाओं का एक प्रमुख हिस्सा है युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रम (YLDP), जो यूपी के सभी 75 जिलों में लागू किया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक जिले में 50 युवाओं का चयन होगा, जो छह महीने की गहन मेंटरशिप से गुजरेंगे।
चयन प्रक्रिया और पात्रता
इन कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड सरल हैं: उम्मीदवार की आयु 15 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए, और उनके पास नेतृत्व या सामाजिक कार्य में रुचि होनी चाहिए। चयन प्रक्रिया में ऑनलाइन आवेदन, साक्षात्कार और एक छोटा प्रोजेक्ट प्रस्तुति शामिल है। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि क्षेत्रीय असंतुलन को कम किया जा सके।
विशेषज्ञों की भूमिका
मेंटरशिप कार्यक्रम में आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ-साथ स्थानीय उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। उदाहरण के लिए, लखनऊ में हाल ही में शुरू हुए एक पायलट प्रोजेक्ट में, 20 युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग और स्टार्टअप फंडिंग पर प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रोजेक्ट में स्थानीय स्टार्टअप्स जैसे EdTech कंपनी EduGorilla के संस्थापकों ने मेंटर के रूप में भाग लिया।
यूपी के छोटे शहरों पर फोकस
यूपी सरकार का विशेष जोर गोरखपुर, आजमगढ़, और प्रयागराज जैसे छोटे शहरों पर है, जहां युवाओं को अक्सर बड़े अवसरों तक पहुंच नहीं मिलती। इन क्षेत्रों में मोबाइल मेंटरशिप वैन और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 2025 तक, सरकार का लक्ष्य 10,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है, जिसमें 40% महिलाएं होंगी।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
ये योजनाएं न केवल व्यक्तिगत विकास पर केंद्रित हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव को भी बढ़ावा देती हैं। उदाहरण के लिए, एक मेंटरशिप प्रोजेक्ट में भाग लेने वाली वाराणसी की 22 वर्षीय शालिनी सिंह ने अपने गाँव में एक महिला सशक्तिकरण सहकारी समिति शुरू की, जिसने 50 से अधिक महिलाओं को रोजगार प्रदान किया। ऐसे उदाहरण यूपी के युवाओं में छिपी संभावनाओं को उजागर करते हैं।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
हालांकि ये योजनाएं आशाजनक हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और जागरूकता की कमी चुनौतियां हो सकती हैं। सरकार ने इन समस्याओं से निपटने के लिए डिजिटल साक्षरता अभियान और स्थानीय एनजीओ के साथ साझेदारी की योजना बनाई है। 2026 तक, यूपी सरकार इन योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने की योजना बना रही है।
नौकरी और स्टार्टअप अवसर
मेंटरशिप के बाद, प्रतिभागियों को जॉब प्लेसमेंट और स्टार्टअप फंडिंग के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार ने Startup India और Skill India जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ एकीकरण की योजना बनाई है। इसके अलावा, यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष जॉब फेयर आयोजित किए जाएंगे।
Disclaimer: यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक घोषणाओं, स्थानीय समाचार स्रोतों और विशेषज्ञ साक्षात्कारों पर आधारित है। जानकारी को सटीकता के लिए सत्यापित किया गया है, लेकिन पाठकों को नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट्स की जांच करने की सलाह दी जाती है।