यूपी डिफेंस कॉरिडोर: 2025 तक 1 लाख नौकरियों का मौका!

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उत्तर प्रदेश का डिफेंस कॉरिडोर भारत के रक्षा क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। 2025 तक 50,000 करोड़ रुपये के निवेश और 1 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है। लखनऊ, आगरा, कानपुर, झांसी, अलीगढ़ और चित्रकूट में छह नोड्स के साथ यह कॉरिडोर स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा।

यूपी में डिफेंस कॉरिडोर: नौकरियों और स्वदेशी रक्षा की नई उड़ान

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के माध्यम से भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू किया है। 2025 तक 50,000 करोड़ रुपये के निवेश और 1 लाख नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखते हुए, यह परियोजना न केवल स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोल रही है।

छह नोड्स, एक मिशन

यूपी डिफेंस कॉरिडोर छह रणनीतिक नोड्स – लखनऊ, आगरा, कानपुर, झांसी, अलीगढ़ और चित्रकूट में फैला हुआ है। प्रत्येक नोड को विशिष्ट रक्षा और एयरोस्पेस जरूरतों के लिए डिज़ाइन किया गया है। उदाहरण के लिए, लखनऊ में BrahMos Aerospace जैसी कंपनियां मिसाइल सिस्टम, ड्रोन और छोटे हथियारों का उत्पादन कर रही हैं, जिससे लगभग 2,930 नौकरियां सृजित होंगी। झांसी विस्फोटक और प्रणोदन प्रणालियों का केंद्र बन रहा है, जहां 4,372.81 करोड़ रुपये के निवेश से 2,928 नौकरियां पैदा होंगी।

निवेश और रोजगार का खेल-चेंजर

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) के अनुसार, अब तक 170 MoUs पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनमें 30,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। 57 निवेशकों को जमीन आवंटित की गई है, और 9,462.8 करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतर चुका है, जिससे 13,736 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं। इसके अलावा, 87 और MoUs मूल्यांकन के दौर में हैं, जो इस परियोजना की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

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स्वदेशी रक्षा और स्टार्टअप्स को बढ़ावा

केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत, यूपी डिफेंस कॉरिडोर स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (DTIS) के तहत 400 करोड़ रुपये का निवेश करके अत्याधुनिक टेस्टिंग सुविधाएं बनाई जा रही हैं। कानपुर में ड्रोन और संचार टेस्टिंग के लिए, लखनऊ में सामग्री और मैकेनिकल टेस्टिंग के लिए सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। साथ ही, IIT कानपुर और IIT BHU जैसे संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs) के रूप में नामित किया गया है, जो R&D में नवाचार को बढ़ावा देंगे।

नई नीति, नई संभावनाएं

2024 में यूपी सरकार ने नई एयरोस्पेस और डिफेंस यूनिट एंड एम्प्लॉयमेंट प्रमोशन पॉलिसी को मंजूरी दी है, जो स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करेगी। यह नीति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर्स को बढ़ावा देगी, जिससे तकनीकी नवाचार को गति मिलेगी। इसके अलावा, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए FDI नीति में सुधार किए गए हैं, जिसमें 74% तक स्वचालित मार्ग और 100% सरकारी मार्ग के माध्यम से निवेश की अनुमति है।

यूपी का वैश्विक प्रभाव

पेरिस एयर शो 2025 में यूपी डिफेंस कॉरिडोर की चर्चा ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। कर्नल संजय सिंह ने इसकी प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि 2018 से यह कॉरिडोर भारत के रक्षा क्षेत्र में एक गेम-चेंजर बन गया है। RSR Aviation Services और Alpha Aircraft Systems जैसे समझौतों ने यूपी को वैश्विक एयरोस्पेस आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाया है।

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युवाओं के लिए अवसर

यह कॉरिडोर न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित कर रहा है, बल्कि तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट के अवसर भी प्रदान कर रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, और प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता की मांग बढ़ रही है। यह यूपी को भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डिस्क्लेमर: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सरकारी विज्ञप्तियों और उद्योग रिपोर्टों पर आधारित है। जानकारी की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग किया गया है। नौकरी के अवसरों और निवेश से संबंधित निर्णय लेने से पहले संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।

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