लखनऊ बन रहा भारत का पहला AI सिटी: 2025 तक क्या बदलेगा?

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“उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ में भारत का पहला AI सिटी विकसित कर रही है। 70 एकड़ में फैला यह प्रोजेक्ट AI स्टार्टअप्स, रिसर्च सेंटर्स और टॉप इंस्टीट्यूट्स को एक मंच देगा। ₹10,732 करोड़ के निवेश से नौकरियां, इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह सिटी डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

लखनऊ का AI सिटी: भारत की तकनीकी क्रांति का नया केंद्र

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिटी बनने की राह पर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए नदरगंज इंडस्ट्रियल एरिया में 70 एकड़ जमीन चिह्नित की है। यह प्रोजेक्ट न केवल लखनऊ को टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक AI मैप पर भी मजबूती देगा।

₹10,732 करोड़ का निवेश और आर्थिक संभावनाएं

2025 में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए ₹10,732 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इसके तहत AI रिसर्च सेंटर्स, इनक्यूबेशन हब्स और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स स्थापित किए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि यह सिटी हजारों नौकरियां पैदा करे, जिसमें AI रिसर्च, डेटा मैनेजमेंट, साइबर सिक्योरिटी और एडमिनिस्ट्रेशन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। डेलॉयट इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

AI सिटी की विशेषताएं

AI सिटी में प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ग्रेड-A ऑफिस स्पेस होंगे, जो स्टार्टअप्स, इनक्यूबेटर्स और कॉरपोरेट्स के लिए डिज़ाइन किए जाएंगे। इसके अलावा, लक्ज़री और अफोर्डेबल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण होगा, जो वॉक-टू-वर्क मॉडल को बढ़ावा देगा। AI-सक्षम इंटरनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी इस सिटी की खासियत होगा, जो इसे स्मार्ट और सुविधाजनक बनाएगा।

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शिक्षा और इंडस्ट्री का तालमेल

लखनऊ में पहले से ही IIM-Lucknow, IIIT-Lucknow, BBDU और Amity जैसे प्रतिष्ठित संस्थान मौजूद हैं। AI सिटी में टॉप इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स के लिए समर्पित स्थान होगा, जो इंडस्ट्री और एकेडमिया के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा। IIIT लखनऊ का AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले ही 15 से अधिक AI/ML स्टार्टअप्स को सपोर्ट कर रहा है।

लखनऊ का मौजूदा टेक इकोसिस्टम

लखनऊ में HCL और TCS जैसे प्रमुख IT खिलाड़ी पहले से मौजूद हैं। शहर में 75,000 से अधिक टेक प्रोफेशनल्स, 23,000 STEM ग्रेजुएट्स और 300 से ज्यादा कॉलेज हैं। यह मजबूत टेक इकोसिस्टम AI सिटी के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है। नासकॉम और डेलॉयट की 2023 की एक रिपोर्ट में लखनऊ को उभरते टेक हब्स की सूची में शामिल किया गया है।

AI का वैश्विक और स्थानीय प्रभाव

ग्रैंड व्यू रिसर्च के अनुसार, वैश्विक AI मार्केट 2022 में $137 बिलियन था और 2030 तक 37.3% की CAGR से बढ़ेगा। भारत में AI मार्केट 2028 तक $13.54 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। लखनऊ का AI सिटी हेल्थकेयर, एजुकेशन, एग्रीकल्चर और सिटी मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में AI के उपयोग को बढ़ावा देगा। उदाहरण के लिए, आगामी महाकुंभ में AI-सक्षम मैसेजिंग सिस्टम का उपयोग ICU में मरीजों की सहायता के लिए किया जाएगा।

सरकारी समर्थन और नीतियां

उत्तर प्रदेश सरकार ने डेवलपर्स को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं, जैसे 25% तक कैपेक्स सपोर्ट और स्टैंप ड्यूटी में छूट। इसके अलावा, AI प्रज्ञा पहल के तहत 10 लाख से अधिक युवाओं, शिक्षकों और किसानों को AI, मशीन लर्निंग और साइबर सिक्योरिटी में प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह सिटी डिजिटल इंडिया मिशन और इंडिया AI मिशन के साथ भी संरेखित है।

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लखनऊ का भविष्य

AI सिटी न केवल लखनऊ को एक टेक्नोलॉजी हब बनाएगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का इंजन भी बनाएगा। यह प्रोजेक्ट वैश्विक AI सेंटर्स जैसे सिलिकॉन वैली और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सरकारी घोषणाओं और उद्योग रिपोर्ट्स पर आधारित है। जानकारी को सटीक और नवीनतम रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन परियोजना की प्रगति और सरकारी नीतियों में बदलाव संभव हैं।

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