“अमूल उत्तर प्रदेश में अपने विस्तार की योजना के तहत 7,500 डेयरी आउटलेट्स खोलने जा रहा है। यह पहल किसानों को सशक्त बनाएगी, रोजगार के अवसर बढ़ाएगी और दुग्ध उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी को मजबूत करेगी। बागपत में नया डेयरी प्लांट और मौजूदा क्षमता वृद्धि इस योजना का हिस्सा है।”
यूपी में अमूल का बड़ा कदम: 7,500 डेयरी आउटलेट्स की योजना
अमूल, भारत का अग्रणी डेयरी ब्रांड, उत्तर प्रदेश में अपने परिचालन को और विस्तार देने की तैयारी में है। गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के तहत संचालित अमूल ने हाल ही में घोषणा की कि वह यूपी में 7,500 डेयरी आउटलेट्स स्थापित करेगा। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल स्थानीय किसानों को सशक्त बनाएगी बल्कि रोजगार सृजन और दुग्ध उत्पादन में राज्य की हिस्सेदारी को भी बढ़ाएगी।
बागपत में नया डेयरी प्लांट
इस योजना के तहत, अमूल ने बागपत जिले में 800 करोड़ रुपये की लागत से एक नया डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह प्लांट प्रतिदिन 8 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की क्षमता रखेगा और पश्चिमी यूपी के किसानों को लाभ पहुंचाएगा। इस प्लांट से 400 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और 4,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
यूपी में दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर
वर्तमान में, अमूल यूपी में प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण करता है। नई योजना के तहत, कंपनी इस क्षमता को बढ़ाकर 25 लाख लीटर प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखती है। इसके लिए, अमूल 4,000 दुग्ध समितियों के साथ जुड़ेगा, जिससे लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम यूपी के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
किसानों के लिए बेहतर अवसर
अमूल का सहकारी मॉडल किसानों को सशक्त बनाने के लिए जाना जाता है। खुटहनिया गांव, सोनभद्र में हाल ही में शुरू हुए अमूल डेयरी यूनिट ने स्थानीय किसानों को पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया है। पहले, कम दाम के कारण कई किसानों ने पशुपालन छोड़ दिया था, लेकिन अमूल की पहल से उन्हें उचित मूल्य और बाजार तक पहुंच मिल रही है।
लखनऊ और कानपुर में पहले से मौजूदगी
अमूल पहले से ही लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुका है। इसके अलावा, बानस डेयरी (GCMMF की सहायक इकाई) ने वाराणसी में एक डेयरी प्लांट स्थापित किया है, जो प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की क्षमता रखता है। यह प्लांट पूर्वी यूपी के दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचा रहा है।
व्हाइट रिवॉल्यूशन को नया आयाम
अमूल की यह पहल भारत की व्हाइट रिवॉल्यूशन को और मजबूत करेगी। यूपी, जो देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है, इस विस्तार से दुग्ध उत्पादन में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करेगा। अमूल का सहकारी मॉडल छोटे और सीमांत किसानों को बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था का लाभ देता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
हालांकि, दूध संग्रहण, पास्चुरीकरण और परिवहन में चुनौतियां बनी हुई हैं। अमूल इन समस्याओं से निपटने के लिए तकनीकी नवाचार और सख्त गुणवत्ता नियंत्रण पर ध्यान दे रहा है। इसके अलावा, कंपनी टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देकर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की दिशा में भी काम कर रही है।
Disclaimer: यह लेख अमूल की हालिया घोषणाओं और उपलब्ध वेब जानकारी पर आधारित है। डेटा और तथ्य विश्वसनीय स्रोतों से लिए गए हैं, लेकिन पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।