“गोवा सरकार ने 2025 में डिजिटल लर्निंग स्कीम लॉन्च की, जो स्कूलों में टेक्नोलॉजी आधारित शिक्षा को बढ़ावा देगी। यह योजना डिजिटल क्लासरूम, मुफ्त टैबलेट, और शिक्षक प्रशिक्षण पर केंद्रित है। इसका लक्ष्य ग्रामीण और शहरी छात्रों के बीच शिक्षा की खाई को कम करना और भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करना है।”
गोवा में नई डिजिटल शिक्षा योजना: जानें क्या है खास
गोवा सरकार ने 2025 में एक महत्वाकांक्षी डिजिटल लर्निंग स्कीम लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य राज्य के शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाना है। इस योजना के तहत, सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक क्लासरूम में स्मार्ट बोर्ड, हाई-स्पीड इंटरनेट, और इंटरैक्टिव लर्निंग मॉड्यूल होंगे। यह कदम गोवा को भारत के सबसे डिजिटल रूप से उन्नत शिक्षा केंद्रों में से एक बनाने की दिशा में है।
इस योजना का एक प्रमुख हिस्सा है ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को मुफ्त टैबलेट प्रदान करना। सूत्रों के अनुसार, 2025-26 सत्र से 10,000 से अधिक टैबलेट वितरित किए जाएंगे, जिनमें पहले से लोड किए गए ई-लर्निंग ऐप्स और पाठ्य सामग्री होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण और शहरी छात्रों के बीच डिजिटल डिवाइड कम हो।
शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। एनआईसी गोवा और स्थानीय तकनीकी संस्थानों के सहयोग से, शिक्षकों को डिजिटल टूल्स और ऑनलाइन शिक्षण तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 2025 के अंत तक 80% सरकारी स्कूल शिक्षकों को कवर करने का लक्ष्य रखता है।
योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित लर्निंग सॉफ्टवेयर का उपयोग। यह सॉफ्टवेयर प्रत्येक छात्र की प्रगति को ट्रैक करेगा और उनकी कमजोरियों के आधार पर व्यक्तिगत शिक्षण सामग्री प्रदान करेगा। गोवा के शिक्षा मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर छात्र भविष्य की तकनीकी नौकरियों के लिए तैयार हो। यह योजना शिक्षा को अधिक समावेशी और आधुनिक बनाएगी।”
इसके अलावा, योजना में माता-पिता और छात्रों के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यशालाओं का प्रावधान है। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य ऑनलाइन सुरक्षा और डिजिटल संसाधनों के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम गोवा के युवाओं को साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूक करेगा।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट की विश्वसनीयता एक मुद्दा हो सकता है। सरकार ने इसके लिए सोलर-पावर्ड चार्जिंग स्टेशन और सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी की योजना बनाई है। इसके बावजूद, स्थानीय शिक्षक यूनियनों ने चिंता जताई है कि डिजिटल उपकरणों के रखरखाव और शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ से कार्यान्वयन में देरी हो सकती है।
यह योजना गोवा के शिक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा लेगी, जिसमें 2025 के लिए 2,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह राशि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक प्रशिक्षण, और छात्र संसाधनों पर खर्च होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह योजना गोवा को भारत में डिजिटल शिक्षा का मॉडल बना सकती है, बशर्ते इसका कार्यान्वयन सही हो।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सरकारी घोषणाओं, और विशेषज्ञ राय पर आधारित है। जानकारी की सटीकता के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल्स और आधिकारिक बयानों की जांच करें।