“गोवा सरकार ने 2025 में मछुआरों के लिए नई सब्सिडी स्कीम की घोषणा की है। इस योजना से मछुआरों को आर्थिक सहायता, आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण मिलेगा। इसका लक्ष्य मछली पालन को बढ़ावा देना और मछुआरों की आय बढ़ाना है। योजना के तहत 50% तक की सब्सिडी और कम ब्याज वाले लोन उपलब्ध होंगे।”
गोवा सरकार की मछुआरों के लिए नई पहल: 2025 सब्सिडी स्कीम की पूरी जानकारी
गोवा सरकार ने मछुआरों के कल्याण के लिए एक नई सब्सिडी स्कीम की घोषणा की है, जो 2025 में लागू होगी। इस योजना का उद्देश्य मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, उनके व्यवसाय को आधुनिक बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है। गोवा के मत्स्य पालन विभाग ने इस स्कीम को डिज़ाइन किया है ताकि मछुआरों को बेहतर संसाधन और तकनीकी सहायता मिल सके।
स्कीम की मुख्य विशेषताएं
आर्थिक सहायता: सरकार मछुआरों को नाव, जाल, और अन्य मछली पकड़ने के उपकरण खरीदने के लिए 50% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से जमा की जाएगी।
कम ब्याज वाले लोन: मछुआरों को व्यवसाय विस्तार के लिए 4% से 6% की कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध होंगे। यह सुविधा विशेष रूप से छोटे और मध्यम स्तर के मछुआरों के लिए है।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता: मछुआरों को आधुनिक मछली पकड़ने की तकनीकों, समुद्री सुरक्षा, और मछली संरक्षण के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नीली क्रांति को बढ़ावा: यह स्कीम केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के साथ मिलकर काम करेगी, जिससे गोवा में मछली उत्पादन को 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
महिला मछुआरों के लिए विशेष प्रावधान: योजना में महिला मछुआरों के लिए अलग से प्रोत्साहन राशि और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
कैसे मिलेगा लाभ?
मछुआरों को इस योजना का लाभ लेने के लिए गोवा के मत्स्य पालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, मछुआरा पहचान पत्र, और बैंक खाता विवरण आवश्यक होगा। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आवेदन प्रक्रिया को सरल रखा जाए ताकि अधिक से अधिक मछुआरे इसका लाभ उठा सकें।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
गोवा की अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राज्य में लगभग 12,000 मछुआरे और उनके परिवार इस व्यवसाय पर निर्भर हैं। हाल के वर्षों में, जलवायु परिवर्तन और समुद्री प्रदूषण के कारण मछुआरों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। यह स्कीम इन समस्याओं को हल करने और मछुआरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है।
स्थानीय मछुआरों की प्रतिक्रिया
स्थानीय मछुआरा समुदाय ने इस घोषणा का स्वागत किया है। पणजी के मछुआरा यूनियन के अध्यक्ष रमेश नाइक ने कहा, “यह स्कीम हमारे लिए वरदान साबित हो सकती है। हमें नई नावें और उपकरण खरीदने में मदद मिलेगी, जिससे हमारी आय बढ़ेगी।” हालांकि, कुछ मछुआरों ने मांग की है कि सरकार इस योजना को लागू करने में पारदर्शिता बनाए रखे।
अगले कदम
गोवा सरकार ने घोषणा की है कि स्कीम की शुरुआत जनवरी 2025 से होगी। इसके लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो मछुआरों के बीच जागरूकता फैलाएगी और आवेदनों की प्रक्रिया को तेज करेगी। साथ ही, सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर मछली पालन के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
Disclaimer: यह लेख गोवा सरकार के मत्स्य पालन विभाग की आधिकारिक घोषणाओं, स्थानीय समाचार स्रोतों, और मछुआरा समुदाय से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। यह सामान्य जानकारी के लिए है और इसमें दी गई जानकारी में परिवर्तन संभव है। नवीनतम अपडेट के लिए गोवा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करें।