“उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश नीतियां वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। 2025 में नई औद्योगिक नीतियां, टैक्स छूट और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर दे रही हैं। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के तहत यूपी निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है। डिफेंस, रिन्यूएबल एनर्जी और टेक्सटाइल्स जैसे सेक्टर्स में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।”
उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक नीतियां
उत्तर प्रदेश (यूपी) भारत का सबसे तेजी से उभरता हुआ निवेश केंद्र बन रहा है। Invest UP, उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी, वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई नीतियां और योजनाएं लागू कर रही है। 2025 में, यूपी ने मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे राष्ट्रीय पहलों के साथ तालमेल बिठाते हुए 20 से अधिक क्षेत्रीय नीतियां शुरू की हैं, जो रोजगार सृजन और सतत विकास को बढ़ावा दे रही हैं।
1. निवेशक-अनुकूल नीतियां
यूपी सरकार ने निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। औद्योगिक नीति 2024 के तहत, 100% FDI (Foreign Direct Investment) को ऑटोमैटिक रूट के माध्यम से कई सेक्टर्स में अनुमति दी गई है। डिफेंस, रिन्यूएबल एनर्जी, और टेक्सटाइल्स जैसे क्षेत्रों में निवेशकों को विशेष टैक्स छूट और सब्सिडी दी जा रही है। उदाहरण के लिए, यूपी एयरोस्पेस एंड डिफेंस यूनिट एंड एम्प्लॉयमेंट प्रोमोशन पॉलिसी 2024 ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में निवेश को बढ़ावा दिया है, जिसके तहत हाल ही में एक डिफेंस इक्विपमेंट और ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का उद्घाटन हुआ।
2. इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स का विकास
यूपी में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इंडियन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आधुनिक तकनीकों और ऑटोमेशन को अपनाने की नीतियां लागू की हैं। नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) के माध्यम से निवेशकों को सभी अप्रूवल्स और परमिशन एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल रहे हैं। इसके अलावा, इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (IILB) निवेशकों को औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी प्रदान करता है, जिससे सही लोकेशन चुनना आसान हो गया है।
3. सेक्टर-विशिष्ट प्रोत्साहन
यूपी सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। उदाहरण के लिए, टेक्सटाइल्स सेक्टर में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत MMF अपैरल और टेक्निकल टेक्सटाइल्स के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी में, यूपी ने 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल बेस्ड एनर्जी का लक्ष्य रखा है, जिसमें सोलर और विंड पावर पर विशेष जोर है। ऑटोमोटिव सेक्टर में, FAME स्कीम और PLI के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उत्पादन को प्रोत्साहन मिल रहा है।
4. स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा
यूपी में स्टार्टअप इंडिया के तहत स्टार्टअप्स के लिए कई सुविधाएं दी जा रही हैं। इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता, मेंटरशिप, और इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2023 और 2025 में यूपी ने स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोडशो आयोजित किए, जिससे कई स्टार्टअप्स को फंडिंग मिली।
5. ग्लोबल कनेक्टिविटी और मार्केट एक्सेस
यूपी की रणनीतिक स्थिति इसे वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है। राज्य का विशाल उपभोक्ता आधार और भारत की 50% आबादी तक पहुंच इसे निवेश के लिए आदर्श बनाता है। इसके अलावा, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) कॉन्क्लेव 2025 जैसे आयोजनों ने यूपी को वैश्विक कंपनियों के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया है।
निवेश के अवसर
यूपी में निवेश के लिए कई सेक्टर्स में अवसर उपलब्ध हैं, जैसे:
इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स: प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम्स ने Apple और Samsung जैसे वैश्विक दिग्गजों को आकर्षित किया है।
फूड प्रोसेसिंग: भारत में दूध उत्पादन में 24.64% हिस्सेदारी के साथ, यूपी इस सेक्टर में निवेश के लिए एक बड़ा बाजार प्रदान करता है।
रिन्यूएबल एनर्जी: सोलर और विंड पावर में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन।
Disclaimer: यह लेख Invest UP और भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट्स, हाल के न्यूज रिपोर्ट्स, और DPIIT के डेटा पर आधारित है। निवेश से पहले विशेषज्ञ सलाह लें।