“उत्तर प्रदेश में 14,000 से अधिक परियोजनाओं के साथ 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश तैयार है। ये परियोजनाएं 33.5 लाख नौकरियां पैदा करेंगी, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, विनिर्माण और आईटी जैसे क्षेत्र शामिल हैं। बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार की नई नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।”
यूपी में निवेश की नई लहर: 10 लाख करोड़ की परियोजनाओं का खुलासा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में 14,000 से अधिक परियोजनाओं को लागू करने की घोषणा की है, जिनमें कुल 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। ये परियोजनाएं राज्य के आर्थिक परिदृश्य को बदलने और 33.5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता रखती हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने दी, जिन्होंने बताया कि ये परियोजनाएं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2023 में प्राप्त 27,000 से अधिक परियोजनाओं का हिस्सा हैं, जिनका कुल निवेश 40 लाख करोड़ रुपये है।
इन परियोजनाओं में सबसे अधिक निवेश पश्चिमांचल (52%) में होगा, इसके बाद पूर्वांचल (29%), मध्यांचल (14%) और बुंदेलखंड (5%) का स्थान है। विनिर्माण (21%), नवीकरणीय ऊर्जा (13%), आईटी और ITeS (9%), खाद्य प्रसंस्करण (6%), आवास और रियल एस्टेट (6%) जैसे क्षेत्रों में निवेश केंद्रित है। यूपी सरकार ने विशेष रूप से बुंदेलखंड जैसे कम विकसित क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना बनाई है।
बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचा विकास प्राधिकरण (BIDA) की स्थापना की गई है, जो 14,000 हेक्टेयर में फैली होगी। यह 47 वर्षों में नोएडा के बाद पहला ऐसा बड़ा औद्योगिक विकास प्रोजेक्ट है। इसके तहत झांसी में 35,000 एकड़ भूमि पर एक औद्योगिक शहर विकसित किया जाएगा। रक्षा, एयरोस्पेस, वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के लिए समर्पित पार्क विकसित करने की योजना है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 177 परियोजनाओं के साथ 1.24 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। नोएडा क्षेत्र में 72,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स में 62,000 करोड़ रुपये, और आवास और ऊर्जा विभाग में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इसके अलावा, लखनऊ में अशोक लीलैंड का इलेक्ट्रिक बस प्लांट और ग्रेटर नोएडा में लोहुम का बैटरी निर्माण संयंत्र जैसी परियोजनाएं भी शुरू हो रही हैं।
यूपी सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रो-इंडस्ट्री नीतियां लागू की हैं। इनमें भूमि बैंक का विस्तार, सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और कर छूट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 3,160 परियोजनाओं के साथ 1.42 लाख करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित किया है। सरकार का लक्ष्य इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करके राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देना है।
प्रमुख उद्योगपतियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, अडानी ग्रुप के गौतम अडानी, टाटा सन्स के एन चंद्रशेखरन और अन्य को इन परियोजनाओं के शुभारंभ समारोह में आमंत्रित किया गया है। वैश्विक निवेशकों में सैमसंग इंडिया, ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल और एयर लिक्विड इंडिया जैसे नाम शामिल हैं। यह निवेश ड्राइव न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी बल्कि यूपी को भारत के औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। निवेश और परियोजनाओं से संबंधित आंकड़े और विवरण समय के साथ बदल सकते हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट्स या संबंधित विभागों से संपर्क करें।