2025 में यूपी में युवा रोजगार: नए अप्रेंटिसशिप प्लान्स की पूरी जानकारी

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“यूपी सरकार ने 2025 में युवाओं के लिए नए अप्रेंटिसशिप प्लान्स लॉन्च किए हैं, जो लाखों नौकरियों के अवसर पैदा करेंगे। इन योजनाओं में स्किल डेवलपमेंट, स्टाइपेंड वृद्धि, और उद्योगों के साथ साझेदारी शामिल है। यह पहल बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”

यूपी में युवा रोजगार को बढ़ावा: अप्रेंटिसशिप योजनाओं का नया दौर

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में युवा रोजगार को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी अप्रेंटिसशिप योजनाओं की शुरुआत की है। ये योजनाएं न केवल युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के अवसर प्रदान करेंगी, बल्कि उद्योगों के साथ साझेदारी को मजबूत कर रोजगार के नए द्वार भी खोलेंगी। हाल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में युवा बेरोजगारी दर 2022-23 में 10% तक कम हुई है, और ये योजनाएं इसे और कम करने का लक्ष्य रखती हैं।

नए अप्रेंटिसशिप प्लान्स की मुख्य विशेषताएं

यूपी सरकार ने National Apprenticeship Promotion Scheme (NAPS) और National Apprenticeship Training Scheme (NATS) के तहत कई सुधार किए हैं। इनमें स्टाइपेंड में 36% की वृद्धि प्रस्तावित है, जिससे अप्रेंटिस का मासिक स्टाइपेंड ₹6,800 से ₹12,300 के बीच होगा। यह वृद्धि युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करेगी और ड्रॉपआउट दर को कम करेगी। इसके अलावा, Apprenticeship Embedded Degree Programmes (AEDP) को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें डिग्री के साथ-साथ ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे युवा जॉब-रेडी बन सकें।

उद्योगों के साथ साझेदारी और MSME पर फोकस

यूपी में 1 मिलियन से अधिक MSME यूनिट्स हैं, और सरकार इनके साथ मिलकर अप्रेंटिसशिप के अवसर बढ़ाने की योजना बना रही है। UNDP की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर प्रत्येक MSME सालाना कुछ अप्रेंटिस को नियुक्त करे, तो लाखों नए अवसर पैदा हो सकते हैं। इसके लिए जिला-स्तरीय उद्योग संघों और चैंबर्स की क्षमता निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। यूपी सरकार ने स्थानीय उद्योगों को अप्रेंटिसशिप को अपनाने के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किए हैं।

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क्षेत्रीय और समावेशी विकास

यूपी के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के लिए, Jan Shikshan Sansthan (JSS) स्कीम के तहत 15-45 आयु वर्ग के युवाओं को लचीली और कम लागत वाली ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा, यूपी सरकार ने छोटे उद्यमों, खासकर aspirational districts में अप्रेंटिसशिप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है।

तकनीकी और भविष्योन्मुखी कौशल

2025 के अप्रेंटिसशिप प्लान्स में AI, robotics, blockchain, और green energy जैसे उभरते क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। ये क्षेत्र न केवल भविष्य के जॉब मार्केट की मांग को पूरा करेंगे, बल्कि यूपी के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन और ब्लेंडेड ट्रेनिंग मॉड्यूल्स को शामिल किया गया है, जिससे भौगोलिक बाधाएं कम होंगी।

चुनौतियां और समाधान

हालांकि अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम्स में प्रगति हुई है, लेकिन जागरूकता की कमी, जटिल पंजीकरण प्रक्रिया, और उद्योगों में कम भागीदारी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। यूपी सरकार ने इन समस्याओं से निपटने के लिए डिजिटल पोर्टल्स जैसे apprenticeshipindia.gov.in को और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने का फैसला किया है। साथ ही, उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल किया जा रहा है।

रोजगार के आंकड़े और प्रभाव

PLFS डेटा के अनुसार, यूपी में युवा रोजगार में पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है, और 2022-23 में युवा (15-29 वर्ष) बेरोजगारी दर 17.8% से घटकर 10% हो गई। नए अप्रेंटिसशिप प्लान्स के तहत सरकार का लक्ष्य अगले दो वर्षों में 10 लाख से अधिक अप्रेंटिस को प्रशिक्षित करना है। यह न केवल बेरोजगारी को कम करेगा, बल्कि उद्योगों में स्किल्ड वर्कफोर्स की कमी को भी पूरा करेगा।

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Disclaimer: यह लेख विभिन्न वेब स्रोतों और हाल के आंकड़ों पर आधारित है। जानकारी को विश्वसनीय स्रोतों से लिया गया है, लेकिन पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक पोर्टल्स पर नवीनतम अपडेट्स की जांच करें।

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